Wednesday, October 19, 2016

वृहद, विविध, वैचारिक विवेचना का मंच तैयार है

पांचवां मीडिया चौपाल 22,23 अक्टूबर को हरिद्वार में हो रहा है। संयोगवश सभी मीडिया चौपाल में शामिल होने का अवसर मिला है। पिछले वर्ष ग्वालियर के मीडिया चौपाल में भेड़ियाधंसान ज्यादा होने से चौपालियों में थोड़ा उत्साह कम सा होता दिख रहा था। और ग्वालियर की चौपाल से लौटने के बाद कई लोगों ने मुझसे कहाकि अब अगली चौपाल में नहीं जाऊँगा। ग्वालियर के बाद मेरे मन में भी सवाल बड़ा था कि क्यों मुझे मीडिया चौपाल में जाना चाहिए। इसीलिए हरिद्वार में होने वाली ये पांचवीं मीडिया चौपाल बड़ी महत्वपूर्ण हो चली है। इस चौपाल के लिए पंजीकरण कराने वालों की सूची इस अवसर को और महत्वपूर्ण बना देती है। करीब 300 लोगों ने हरिद्वार में होने वाली इस चौपाल के लिए पंजीकरण किया है। मीडिया चौपाल कराने वाली स्पंदन संस्था के कर्ताधर्ता अनिल सौमित्र का ये व्यक्तित्व प्रभाव दिखाता है कि ग्वालियर के नकारात्मक मोड़ पर खत्म हुए मीडिया चौपाल को उन्होंने सफलतापूर्वक बेहद सकारात्मक मोड़ पर ला दिया है। शायद यही वजह है कि मुझे लग रहा है कि ये अब तक की सबसे अच्छी मीडिया चौपाल होने जा रही है। आयोजन समिति में अनिल सौमित्र ने मुझे शामिल कर लिया, तो पंजीकरण करने वालों के फोन आने से मुझे पहले समझ में आया, फिर जब मैंने पंजीकृत लोगों की सूची देखी, तो ये भरोसा पक्का हुआ। देश के हर हिस्से से इस बार मीडिया चौपाल में शामिल होने के लिए लोग आ रहे हैं। और जब मीडिया चौपाल शुरू हुआ था, तो ज्यादातर नए मीडिया पर काम करने वाले साथियों को मंच देने की मंशा से ही था। लेकिन, धीरे-धीरे इसका स्वरूप वृहद होता गया। और अभी पांचवीं मीडिया चौपाल में हर विधा के पत्रकार, हर धारा के सामाजिक कार्यकर्ता/नेता, ढेर सारे शोधार्थी, पत्रकारिता के छात्र/अध्यापक और संचार से संबंधित अधिकारी भी शामिल हो रहे हैं। पिछली कुछ चौपालों का विषय नदी-पानी होने की वजह से भी थोड़ी नीरसता सी आ गई थी। इस बार का विषय है –

विकास- अवधारणा, विचारधार एवं दृष्टि और मीडिया।  
22-23 अक्टूबर (शनिवार, रविवार) 2016
निष्काम सेवा ट्रस्ट, हरिद्वार, उत्तराखंड

उद्घाटन सत्र इसी मूल विषय पर ही है। दरअसल हरिद्वार में इस मीडिया चौपाल के होने की एक बड़ी वजह दिव्य प्रेम सेवा मिशन का सहयोग है। और इसके लिए संजय चतुर्वेदी का स्वयं आगे बढ़कर सहयोग की बड़ी भूमिका है। चौपाल में विचारक के एन गोविंदाचार्य, श्री हरीश रावत, श्री रमेश पोखरियाल निशंक, प्रो रामेश्वर मिश्र पंकज, डॉ. राजाराम त्रिपाठी, श्री बलदेव भाई शर्मा, श्री जगदीश उपासने, श्री प्रेम शुक्ल, प्रो कुसुमलता केडिया, डा मनोज कुमार पटैरिया, श्री हरिश्चन्द्र सिंह, श्री अनूप नौडियाल, श्री आशीष गौतम, श्री जयदीप कर्णिक, श्री रवि चोपड़ा, भक्ति निष्काम शांत स्वामी, भक्ति विज्ञान मुनि, श्री मुनव्वर सलीम, प्रो हेमंत जोशी, श्री आर एस बेनीवाल, श्री शिवशंकर जायसवाल, प्रो सुखनंदन सिंह जैसे अनुभवी विषय विशेषज्ञ, कुशल संचारक और महानुभाव होंगे।

इसके अलावा संचारकों की भूमिका, सूचनाओं से बेहाल, संदेशों का अकाल-कैसे हो समाधान, भारत के भावी विकास की दिशा- समस्याएं, चुनौतियां और संभावनाएं और भावी भारत – मीडिया से अपेक्षा विषय पर सत्र होंगे। जिसमें विषय विशेषज्ञ और मीडिया के लोगों से बात करने का मौका मिलेगा।

इस पांचवीं चौपाल का महत्व इसलिए भी है कि इसी चौपाल में मीडिया चौपाल के स्थाई ठिकाने की भी चर्चा हो सकती है। साथ ही एक स्थाई खाका तैयार करने पर भी चर्चा होगी। खुला सत्र इसीलिए रखा गया है। कुल मिलाकर ये मीडिया चौपाल मीडिया में काम करने वालों के एक स्थाई, गंभीर मंच की बुनियाद बनता दिख रहा है। फिर हरिद्वार में ही मुलाकात होती है।

No comments:

Post a Comment

हिन्दू मंदिर, परंपराएं और महिलाएं निशाने पर क्यों

हर्ष वर्धन त्रिपाठी Harsh Vardhan Tripathi अभी सकट चौथ बीता। आस्थावान हिन्दू स्त्रियाँ अपनी संतानों के दीर्घायु होने के लिए निर्जला व्रत रखत...