Friday, April 20, 2007

मैं भी इलाहाबाद का हूं मुझे भी टीवी पर दिखाओ

परिदृश्य नंबर 1-
इलाहाबाद के मुट्टीगंज मुहल्ले में एक श्रीवास्तव जी के मकान की सफेदी टीवी पर चल रही है। सफेदी इसलिए नहीं हो रही थी कि श्रीवास्तव जी के घर की दीवार ज्यादा गंदी हो गई थी। मसला ये है कि श्रीवास्तव जी की रिश्तेदारी में शादी है और उसी शादी की वजह से श्रीवास्तव जी की सफेदी वाली दीवार टीवी पर दिख रही थी। चैनल पर श्रीवास्तव जी बता रहे हैं कि बिटिया की शादी में बच्चन साहब ने न्यौता भेजा था। लेकिन, इस बार लगता है अभिषेक की शादी में शायद ख्याल नहीं रहा। श्रीवास्तव जी फिर मुस्कुराकर कहते हैं लेकिन, घर की शादी में इस बात पर नाराज थोड़े न हुआ जाता है। अब पता नहीं ये श्रीवास्तव जी अपने किसी सगे रिश्तेदार की शादी में बुलाने पर भी जाते हैं या नहीं। श्रीवास्तव जी के यहां उनके दूसरे शहरों के रिश्तेदार भी जमा हो गए थे। ढोल की थाप पर घर के बच्चे और महिलाएं नाच भी रहे हैं। नाचें भी क्यों न अभिषेक बेटे की बहू ऐश्वर्या जो घर आ रही है।

परिदृश्य नंबर 2- कानपुर के ठग्गू के लड्डू मुंबई जाने के लिए तैयार हैं। और, ठग्गू के लड्डू बेचने वाले पांडे जी मुस्कुराते हुए टीवी पर कह रहे है कि भांजे की शादी के लिए लड्डू बनवाए हैं। लेकर मुंबई जा रहा हैं। भांजा यानवही अमिताभ बच्चन साहब का बेटा अभिषेक बच्चन। पांडेजी को अभिषेक बच्चन मामा कहता है ऐसा पांडेजी ने टीवी वालों को हंस-हंसकर बताया।
लेकिन, पांडे जी को लड्डू लेकर प्रतीक्षा के बाहर ही प्रतीक्षा करना पड़ा। पर कोई बातनहीं पांडेजी अब भी मुस्कुरा रहे थे।अभी भी पांडेजी टीवी पर ही थे बता रहे थे कि जो भी अभिषेक-ऐश्वर्या की शादी होने से खुश है उसके लिए मिठाई लेकर आए हैं। आखिर बंटी और बबली की शूटिंग के दौरान कानपुर में अभिषेक पांडेजी की दुकान पर एक घंटे था न।

परिदृश्य नंबर 3- बरेली से खास हार लेकर सरदारजीखड़े थे ये भी टीवी पर । बता रहे हैं कि अभिषेक के लिए खास ये माला है एस माला की खासियत ये कि इसमें कई नोट786 नंबर वाले हैं। बड़े गर्व से बता रहे हैं कि कालिया फिल्म में जेल में अमिताभकीजान 786 नंबर का बिल्ला ही बचाता है।


परिदृश्य नंबर 3- लखनऊ का कोई पानवाला टीवी पर हैगुजारिश कर रहा है और अकड़ दिखा रहा है कि लखनऊ की मशहूर गिलौरियों के बिना तो ऐश्वर्या अभिषेक की शादी का मजा ही नहीं। उन्हें बुलाना चाहिए। रिपोर्टर ने मुंबई जाने के बारे में पूछा तो खुश होकर बोले बच्च्न साहब बुलाएंगे तो, जरूर जाएंगे।

परिदृश्य नंबर 4- बनारस की साड़ी की दुकान। दुकान वाले साहब बता रहे हैं कि अगर ऐश्वर्या के लिए साड़ी का ऑर्डर आया तो, वो कौन सी साड़ी किस मौके के लिए देना चाहेंगे। न ऑर्डर आया न साड़ी बिकी। लेकिन, साड़ी वाले भाई साहब टीवी पर आ गए। बस काम हो गया।
ऐसे सैकड़ो लोग हैं जो किसी न किसी तरह से पिछले दो हफ्ते से बच्चन साहब से जुड़कर टीवी पर दिख रहे हैं। लेकिन, ये सारी बात पुरानी हो गई है। नई बात ये है कि सारे टीवी चैनलों-अखबारों के जोर लगाने के बाद भी ढंग की तस्वीरें(टीवी के लिए विजुअल) नहीं मिल पा रहे। अब ऐसे में टीवी वाले क्या करें। सभी चैनलों पर प्रतीक्षा, मुंबई लोकेशन के साथ रिपोर्टर सारी-सारी रात जागरण कर रहे हैं। बच्चन साहब एक बार सफेद सूट में बाहर तक आकर मेहमानों को लेकर अंदर क्या गए पूरा मीडिया धन्य हो गया। ये वही बच्चन साहब हैं जो पब्लिसिटी के लिए एक दिन में पांच-पांच मीडिया हाउसेज के चक्कर काटकर अपना इंटरव्यू मैनेज करा लेते हैं। खैर, लौटते हैं छोटे सरकार की शादी नंबर वन पर। टीवी वालों को कुछ चमकती सी लाइव तस्वीरें/विजुअल मिल गए। संगीत की रस्म बीतने के चौबीस घंटे बाद तक वही विजुअल अलग-अलग चैनलों पर अलग-अलग व्याख्यान के साथ चल रहा था।

यहां तक भी बात बिगड़ी नहीं थी। आगे का हाल दिवालियापन की ओर जाता नजर आता है। एक चैनल पर रिपोर्टर लाइव थी कहा- मेरे पीछे आप देख रहे हैं प्रतीक्षा में संगीत की रस्में चल रही हैं। उस समय उसके ठीक पीछे बेस्ट की बस आकर रुक गई थी। रिपोर्टर ने किसी तरह हालात संभाला। दूसरे चैनल पर तब तक ब्रेकिंग न्यूज आ चुकी थी। सलमान प्रतीक्षा में पहुंच चुके हैं। लेकिन, थोड़ी ही देर में तीसरे चैनल ने उस न्यूज को ब्रेककर दूसरी ब्रेकिंग न्यूज चला दी कि वो सलमान नहीं था। और बस चार दिन पहले मीडिया पर हुए हमले के खिलाफ एकजुट मीडिया टीआरपी के लिए एक दूसरे की खाल उतारने में लग गया। जिन चैनलों पर खबरें चल रहीं थीं उनके न्यूजरूम में भी इस बात पर बहस थी कि आखिर किसी एक ऐसे व्यक्तिगत कार्यक्रम को इतना चमकाकर इतने लंबे समय तक दिखाने की क्या जरूरत है। लेकिन, किसी भी चैनल में ये साहस नहीं दिखा कि वो अपने चैनल से खबर उतारकर कुछ काम की खबरें दिखाता। सवाल यही है कि आखिर कब तक मीडिया ऐसे बड़े लोगों के किसी व्यक्तिगत कार्यक्रम को देश की जनता की फरमाइश मानकर उनके सिर पर थोपता रहेगा। अब तो हर न्यूजरूम में पहले के अखबारों के दिवसों की तरह सेलिब्रिटीज के जन्मदिन की तारीखें लटकी रहती हैं जिस पर कुछ बड़ा आयोजन करना होता है। मैं बिजनेस चैनल में हूं इसलिए हाल कुछ ठीक रहता है। लेकिन, यहां की लिस्ट भी अब बड़ी हो रही है। अंबानी से लेकर बियानी तक के जन्मदिन पर रेडीमेड पैकेज तैयार हैं। ये तो कहिए कि पचास साल के हुए मुकेश अंबानी ने जामनगर में बर्थडे मनाया और मीडिया के लिए पूरी नो एंट्री का बोर्ड लगा दिया। बच गए दर्शक नहीं तो धीरूभाई अंबानी, मुकेश की सफलता की कहानी दर्शकों को फिर से पूरे सलीके से दिखा दी जाती। लेकिन, इससे टीवी चैनल हताश नहीं हैं। वो उत्साहित हैं कि इसलिए दर्शकों तैयार रहिए अब आपको भले ही काम की खबर न मिले ऐश्वर्या-अभिषेक जैसी शादी के हर इंतजाम के बारे में पता जरूर चलेगा और सेलिब्रिटीज के रिश्तेदारों का भी। जो, टीवी पर दिखने की प्रतीक्षा में लगे हैं। वैसे मुझे भी टीवी पर दिखाया जा सकता है कि मैं इलाहाबाद से हूं और जब अमिताभ बच्चन इलाहाबाद से चुनाव लड़ने आए थे तो, मैंने भी उन्हें करीब से देखा है।

1 comment:

  1. मै हु एक दर्शक.. मेरा दर्द ना जाने कोई..

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